अरे भर दी खुशियों से झोली, बंद थीं राहें जो खोली
बोल रहे सब एक ही बोली, नामुमकिन अब मुमकिन है।
मान चुका है देश ही सारा, जन-जन का है एक ही नारा
ना होता था जो भारत में वो होना अब मुमकिन है।
अरे मोदी है तो मुमकिन है।
#ModiHainTohMumkinHain
अरे भर दी खुशियों से झोली, बंद थीं राहें जो खोली बोल रहे सब एक ही बोली, नामुमकिन अब मुमकिन है। मान चुका है देश ही सारा, जन-जन का है एक ही नारा ना होता था जो भारत में वो होना अब मुमकिन है। अरे मोदी है तो मुमकिन है। #ModiHainTohMumkinHain
Apr 06, 2019